यथार्थ कलाकार वही है जो कल को सुनेहरा आकार दे आज व्यावसायिक सोच, मानवीय मूल्यों के कल्पनातीत पतन तथा संस्कारों के अवमूल्यन के कारन हमारी आदि सनातन दैवी संस्कृति प्रायलोप हो गई है इस संस्कृति को कायम रखने के लिए जयपुर के राजापार्क सेवाकेंद्र द्वारा आर्ट एंड कलचरल थीम के ऊपर ‘इफेक्ट्स ऑफ स्पिरिचुअल पावर ऑन आर्ट विषय पर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
इस कार्यक्रम का आगाज दीप प्रज्वलन कर हुआ, जिसमें मुख्य अतिथियों में राजस्थान यूनिवर्सिटी में फाइन आर्ट्स की डीन फैकल्टी डॉ. मधु, आरपीटीसीसी की प्रदेश सेक्रेटरी हुकुम मीणा, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ क्राफ्ट एंड डिजाइनिंग के डीन भार्गव समेत कई गणमान्य अतिथियों की मौजूदगी में हुआ साथ ही सभी ने अपने विचार रखे।
इस मौके पर सोडाला सेवाकेंद्र प्रभारी बीके स्नेह ने कला और संस्कृति पर आध्यात्म का प्रभाव विषय पर अपने विचार व्यक्त किये तो वही आगे प्रतिभागियों द्वारा गीत की प्रस्तुतियां दी गई जिसके पश्यात सभी को ईश्वरीय सौगात भेट की गई।