ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के 80 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में गुजरात के वलसाड सेवाकेंद्र द्वारा रशियन कलाकारों का सुंदर कार्यक्रम सुखमय जीवन, समय की पुकार आयोजित किया गया। जिसका उद्घाटन पतंजलि योग विद्यापीठ हरिद्वार की हेतल, महिला अस्तित्व संस्था एवं समर्पण ट्रस्ट की चेयरमैन अर्चना देसाई, केलवणी मंडल के कैंपस डायरेक्टर सुनील मरजादी, विश्वकर्मा समाज के डायरेक्टर हितेश मिस्त्री, पारसी समाज के प्रेज़िडेंट पेशी फूलवाडी, रशिया के सेंट पीटसबर्ग और डिवाइन लाइट ग्रुप की निदेशिका बीके संतोष, वलसाड सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रंजन, बीके रोहित ने दीप जलाकर किया।
इस उपलक्ष्य में बीके रंजन ने बताया कि आज भारत देश के लोग जहां विदेशी संस्कृति को जानने व उन्हें अपनाने के लिए उत्सुक हैं वहीं रशिया से आए कलाकार व तमाम विदेशी भारतीय संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं।
डिवाइन लाईट ग्रुप के कलाकारों ने अपनी कलाओं से ये बताने का प्रयास किया कि भारत देश की कला कितनी महान और सर्वोच्च है जिसके बारे में देशवासी खुद भी नहीं जानते।….साथ ही नृत्य के माध्यम से जीवन में कितनी भी समस्याएं आएं लेकिन सदा खुशी की रास करते रहें तनावमुक्त रहें इसका भी संदेश दिया।
रशिया के मशहूर सिंगर अल्बर्ट असादुलीन जिनका मानना है कि उनका शरीर रशिया का है लेकिन उनकी आत्मा भारत की है… उन्होंने मस्ती भरे गीतों को जब गाया तो सभी के चेहरे पर खुशी छा गई वहीं मां तुझे सलाम और वंदे मातरम के गीतों से भारत के प्रति प्रेम व सम्मान के भाव में सभी उपस्थित लोग डूब गए।
इस भव्य प्रस्तुतियों के दौरान लाइट ग्रुप की डायरेक्टर बीके संतोष ने कहा कि सदा स्वयं को खुश रखने की जिम्मेवारी हमें लेनी है तभी हम दूसरों को खुश रख सकते हैं। साथ ही सारी समस्याओं का मुख्य कारण है इच्छाओं का होना बताया।
गुजरात के कार्यक्रम में गरबा न शामिल हो ये भला कैसे हो सकता है ऐसे में इन विदेशी कलाकारों के द्वारा गरबा की प्रस्तुति देखकर यही लग रहा था कि ये पूरी तैयारी के साथ आए हैं………और जब श्वेत वस्त्रों में ये कलाकार स्टेज पर आए तो मानो स्वर्ग का नजारा दिखाई दे रहा हो….एक तरफ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोहा तो वहीं दूसरी ओर बीके बहनों ने अपनी स्थिति से चारों ओर का वातावरण शक्तिशाली बनाने का संकल्प कराया।
अंत में सभी कलाकारों व अतिथियों को मोमेंटों भेंट कर व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया साथ ही इस भव्य कार्यक्रम की जमकर सराहना की….वहीं सभा में उपस्थित करीब 4000 से ज्यादा लोगों ने भारत की महानता को जानते हुए उसे दिव्य गुणों व संस्कारों द्वारा बढ़ाने का संकल्प लिया।