आबूरोड के शांतिवन में द पॉवर ऑफ फॉरगिवनेस पर चार दिवसीय रिट्रीट का अयोजन हुआ। यह रिट्रीट गुरूग्राम के ओम् शांति रिट्रीट सेंटर द्वारा आयोजित थी। जिसमें 250 से अधिक लोगो ने हिस्सा लिया था।
रिट्रीट में आए प्रतिभागियों को कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. प्रेम मसंद ने ‘अवेकनिंग योर इनर पोटैनशियल’ विषय विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि आज व्यक्ति शांति, शक्ति, प्रेम, आनंद जैसे गुणों को बाहर तलाश रहा है। लेकिन ये प्रत्येक व्यक्ति के वास्तविक गुण हैं जो उसमें ही विद्यमान है। बस हमें उसे जानने और एक्सप्लोर करने की जरूरत है।
खुश रहना एक ऐसी कला है। जो व्यक्ति को बचपन से ही आती है। बस जैसे-जैसे व्यक्ति बड़ा होता जाता है। इस कला को भूल जाता है। मुंबई से आए कार्पोरेट ट्रेनर बीके डॉ. स्वामीनाथन ने इस दौरान प्रतिभागीयों के मन में उठने वाली जिज्ञासाओं को ध्यान में रखते हुए एक टॉक शो का भी आयोजन किया गया।
3. नेपाल की अगर भूगोलिक संरचना देखी जाए तो हम पाएंगे पहाड़ो और पाठारी दोनो का काफी बड़ा हिस्सा है। यहां के निवासी पाठारी भाग में ईश्वरीय सेवा करना तो आसान है लेकिन पहाड़ी भाग में जाना कठिन है। इसलिए ब्रह्माकुमारीज संस्थान ने धादिंग के निवासियों को ईश्वरीय संदेश देने के लिए हैलीकाफ्टर द्वारा पर्चे गिराए।
इस पहल से लाखों लोगो को ईश्वरीय संदेश मिला। इस दौरान शिव ज्योति भवन में नवनिर्मित आध्यात्मिक म्यूज़ियम का उदघाटन काठमांडू ज़ोन निदेशिका बीके राज ने शिव ध्वज फहराकर किया। वहीं एक प्रवचन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था। जिसमें शहर के कई गणमान्य नागरिक शामिल हुए। जिन्हें बीके राज ने वर्तमान समय चल रहे ईश्वरीय कार्य की जानकारी देते हुए मददगार बनने का आह्वान किया।