21 जून को मनाये जा रहे अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय तथा ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में वैसे तो देश विदेश में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। परन्तु कुछ प्रदेशों के जिलों में खासतौर पर भारत सरकार ने योग के साथ राजयोग सीखाने की जिम्मेदारी संस्थान को दी है। इसके साथ ही ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान पूरे जोर शोर से इस मुहिम में जुट गयी है।
जाहिर है दुनिया में आज योग का प्रचनलन तेजी से बढ़ रहा है। परन्तु जिस मकसद से योग किया जा रहा है उसका पूरा परिणाम तब आयेगा जब शरीर के साथ आत्मा और मन के विकास के लिए भी प्रयास किये जायें। राजयोग विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर को ठीक रखने के लिए योग जरुरी है परन्तु यदि आत्मा और मन को ठीक रखना है तो उसके लिए अध्यात्म के साथ राजयोग सीखना अति आवश्यक है। यह कार्य साथ–साथ इसलिए किया जा सकता है। क्योंकि योग के प्रति माहौल पूरे देश व विदेश में सकारात्मक बना हुआ है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने अहम जिम्मेदारी देते हुए देश के पांच स्टेट में योग के साथ राजयोग की अलख जगाने की महत्वपूर्ण भूमिका दी है। जिसमें राजस्थान के चार जिले सिरोही, पाली, झालवाड़, नागौर है। इसके साथ ही गुजरात में पांच जिले में जिसमें गांधीनगर, सुरेन्द्रनगर, भरुच, बड़ोदरा और छोटा उदयपुर समेत पांच जिलों में योग और राजयोग की अलख जगायी जायेगी।
आसाम के नौगॉंव छत्तीसगढ़ के दुर्ग और बस्तर में भी योग के साथ राजयोग के प्रति लोगों को जागरुक किया जायेगा। छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला इसलिए भी अहम है क्योंकि यह पूरा का पूरा नक्सली क्षेत्र है जहॉं इसके प्रति रुझान से लोगों में सकारात्मक बदलाव आयेगा। संस्थान इसके लिए पूरी तैयारियां करते हुए कार्यक्रमों का अयोजन करना प्रारम्भ कर दिया है और यह 21 जून तक चलायें जायेंगे।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान और भारत सरकार का आयुष मंत्रालय का यह प्रयास लोगों निश्चित तौर पर आन्तरिक रुप से सकारात्मक बदलाव में अहम भूमिका निभायेगा।