ओ.आर.सी द्वारा अमृत महोत्सव की लहर कला की नवीन प्रहर कार्यक्रम का आयोजन

ब्रह्माकुमारीज़ के कला एवं संस्कृति प्रभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम इस अवसर पर अपने आशीर्वचन देते हुए ओ.आर.सी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि कला एवं संस्कृति आत्मा के मूलभूत गुण हैं। हर आत्मा एक कलाकार है। उन्होंने कहा कि परमात्मा जोकि  परम कलाकार भी है, उसने हर आत्मा के अन्दर कोई न कोई कला अवश्य दी है। उन्होंने कहा कि हर कर्म को कला के रूप से करना ही सबसे बड़ा कलाकार होना है। कला वास्तव में एक तपस्या है। तपस्या से ही कला में निखार आता है। उन्होंने कहा कि कला को सदा परमात्मा की देन समझकर उपयोग करने से ही समाज का हित कर सकते हैं। गुरूग्राम स्थित ओम शान्ति रिट्रीट सेन्टर में ‘अमृत महोत्सव की लहर, कला की नवीन प्रहर’ विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ये मानव शरीर परमात्मा की सबसे बड़ी देन है। इसके द्वारा हमें वो श्रेष्ठ कर्म करने हैं, जिनमें मानव जीवन का हित हो। उन्होंने कहा कि संगीत से मेरा जुड़ाव बचपन से ही रहा। संगीत एक ऐसी साधना है जो मन को एकाग्र कर ईश्वर के समीप ले आती है। साथ ही उन्होंने अपनी मधुर और सुरीली आवाज़ में एक बहुत सुन्दर भजन गाकर सभी को परमात्म स्नेह के रस में भिगो दिया।

GWS Peace News

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *