बैंगलुरू के येलहंका में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस फोर्स के अधिकारियों व जवानों के लिए क्रोध व तनावमुक्त जीवन विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित इस सेमिनार में माउंट आबू से आए प्रोफेसर बी.के. ओंकारचंद ने कहा कि क्रोध करने का मतलब है दूसरों के गलती की सजा खुद को देना। इसलिए अपने मन के मालिक बनें गुलाम नहीं।
सीआरपीएफ के कर्नाटक और केरल सेक्टर के आईजी जीवीएच गिरीप्रसाद ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ और सीआरपीएफ दोनों का अपास में बहुत ही नजदीकी संबंध है क्योंकि दोनों के ट्रेनिंग कार्यक्रम माउंट आबू में ही आयोजित होते है। वहीं डीआइजी बी एस गुजरैल ने सभी सदस्यों का आभार माना। अंत में स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभारी बी.के. विजयलक्ष्मी, बी.के. सुनाली और बी.के. ओंकारचंद को आईजी ने मोंमेंटों भेंटकर सम्मानित किया।