बाहर जो गंदगी दिखाई दे रही है वह वास्तव में मानव के मन के अंदर की गंदगी है यदि मानव अपने मन को साफ करलें तो बाहर की गंदगी अच्छी नहीं लगेगी मन की सफाई न होने के कारण व्यक्ति तमाम व्यसनों को शरीर रूपी मंदिर में डालते रहते हैं, अगर उसी मन को राजयोग द्वारा परमात्मा शिव से लगा लें तो मन का मैल धुल जायेगा यह उक्त विचार यूपी के हाथरस सेवाकेंद्र की प्रभारी बीके शांता के है जो उन्होंने प्रशासन द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी के अवसर पर मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत और स्वच्छ स्वस्थ भारत विषय पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ बागला इंटर कॉलेज के प्राचार्य राधेश्याम वाश्र्नेय, प्रचार सहायक नरेन्द्र कुमार, संजीव सेंगर, बीके शांता समेत अनेक अनेक शिक्षकों द्वारा किया गया इस दौरान प्रदर्शनी द्वारा नशीले पदार्थो से होने वाली हानियों को चित्र प्रदर्शनी द्वारा समझाया जिस देखकर जादूगर तारा सिंह ने व्यसन का दान दिया।