यूरोप और अमेरिका वासियों की तुलना में तीन से चार गुना अधिक भारतीय आज हृद्यरोग से ग्रसित है, अगर यही हाल रहा तो 2020 तक दुनिया के कुल हृद्यरोगियों में साठ प्रतिशत भारतीय होगें इस घातक बिमारी के प्रति लोगो में जागरूकता फैलाने के लिए लखनउ के गोमती नगर में ‘थ्री डी हैल्थ केयर फॉर हैल्दी माइंड, हार्ट एंड बॉडी’ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, प्रमुख सचिव रजनीश दुबे ने शिरकत की।
आधुनिकता के इस दौर में चिकित्सा क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है, लेकिन आज जितनी भी तरक्की हो रही हैं वो शरीर के स्तर पर हो रही है, इसलिए आज हम लाईफ स्टाइल डिसिसेस का स्थाही ईलाज नहीं कर पा रहे क्योंकि ये बिमारीयां भले ही तन में हो रही हैं लेकिन इसकी जड़ मानव मन में छिपी हैं और जिसका स्थाई इलाज केवल राजयोग मेडिटेशन है ऐसा कहना था माउंट आबू से आए वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट बीके डॉ. सतीश गुप्ता के जो उन्होंने कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए।
इस दौरान स्वाथ्य मंत्री ने एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया वहीं प्रमुख सचिव ने डॉ. सतीश गुप्ता द्वारा बताई गयी सभी बतों का अनुसरण करने की बात कही।