चंडीगढ़ के सेक्टर-33डी स्थित पार्क में भी संस्थान के सदस्यों ने गहन योग तपस्या कर वातावरण को शक्तिशाली व शांत बनाने मे योगदान किया। प्रातः काल से ही बडी संख्या में संस्थान के सदस्यों ने योग तपस्या प्रारंभ कर दी थी।
जब मनुष्य की मनोदशा सकारात्मक होती है तो मन परमात्मानुभूति का माध्यम बनकर जीवन के महान लक्ष्य जीवनमुक्ति की अनुभूति कराने का साधन बन जाता है परंतु मनोदशा नकारात्मक होती है तो मन जीवन में रोग शोक और दुख का कारण बन जाता है इसलिए मन को स्वस्थ और प्रसन्न बनाने वाला योग ही यथार्थ योग है और इससे ही जीवन में सच्चा सुख शांति और खुशी आती है जिसका सीधा प्रभाव तन के विभिन्न अंगो पर भी सकारात्मक रूप से पड़ता है। यह विचार सेक्टर-33ए सेवाकेंद्र प्रभारी बीके उत्तरा के हैं जो उन्होंने कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए मंच पर उनके साथ गुग्गा माड़ी की महंत सुरिन्दर कौर, गुरू तेग बहादुर गुरूद्वारा से मेजर करनैल सिंह, जामा मस्जिद के मौलाना मुर्तजा कासिम, जय कृष्ण नाथ भी मौजूद थे।