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माउंट आबू के ज्ञान सरोवर में धर्माचार्यो के लिए ‘वैश्विक ज्ञानोदय द्वारा स्वर्णिम युग’ विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का अयोजन हुआ जिसका शुभारंभ ऊषा माता मिशन के महामण्डलेश्वर श्री 1008 आचार्य महादेव जी महाराज, हरिद्वार से रामेश्वर आश्रम के महामण्डलेश्वर श्री 1008 आचार्य रामेश्वरानंद जी, आन्नद कृष्णा धाम के अध्यक्ष एवं संस्थापक श्री 1008 आचार्य महामण्डलेश्वर आनन्द चैतन्य जी, जोधपुर से महामण्डलेश्वर शिव स्वरूपानंद, अयोध्या से अखिल भारतीय अखाडा राघव से श्री 1008 महामण्डलेश्वर लालदास त्यागी जी, बिहार के राजगीर से डॉ. साध्वी सोमप्रज्ञा जी, धार्मिक प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीके रामनाथ, राष्ट्रीय संयोजिका बीके मनोरमा की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

शुभारंभ के पश्चात बीके मनोरमा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी आज में आज ज्ञान की भरमार है, इसके बावजूद भी आज व्यक्ति स्वयं की वास्तविक पहचान से महरूम है, लोगों को उनकी वास्तविक पहचान कराना और उनके अंदर की असीमित शक्तियों को जाग्रत करने के लिए प्रेरित करना ही इस संस्थान का असली मकसद है, वहीं बीके रामनाथ ने कहा आज व्यक्ति में ज्ञान बहुत है, लेकिन शक्ति और शांति की कमी है, उसी शक्ति और शांति को प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन राजयोग का अभ्यास करने की आवश्यकता है।

सम्मेलन में धर्माचार्यो ने अपने अनुभव में कहाकि भारत की जो प्राचीन संस्कृति थी उसकी एक झलक हमें यहां देखने को मिली है, और मुझे विश्वास है कि ब्रह्माकुमारीज़ का एकता और भाईचारे का संदेश पूरे विश्व में फैलकर भारत को पुनः स्वर्णिम युग बनायेगा।

उद्घाटन सत्र के समापन पर बीके मनोरमा ने सभी अतिथियों का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया व ईश्वरीय सौगात भी भेट की।

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