माउंट आबू के ज्ञान सरोवर अकेडमी में ज्ञान-विज्ञान का प्रकाश, परम्परागत कृषि और ग्राम विकास पर राष्ट्रीय सम्मेलन का अयोजन हुआ जिसका उद्घाटन महाराष्ट्र के कृषि मंत्री सदाभाऊ खोत, मध्यप्रदेश गौपालन और पशुवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष संतोष जोशी, जी.बी.पी.यू.ए.टी के कुलपति डॉ. अजय के. शर्मा, लखनउ कृषि निदेशालय के असिस्टेंट डायरेक्टर बद्री विशाल, ज्ञानसरोवर की निदेशिका बीके डॉ. निर्मला, ग्राम विकास प्रभाग की अध्यक्षा बीके सरला, उपाध्यक्ष बीके राजू, राष्ट्रीय संयोजिका बीके तृप्ति ने दीप जलाकर किया।
उद्घाटन के पश्चात कृषि मंत्री सदाभाऊ खोत अपने भाषण में वर्तमान समय किसानों की दशा पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहाकि देश की आजादी के वक्त भारत में आनाज की पूर्ति के लिए विदेशों से आयात करना पड़ता था लेकिन आज किसानों के अथक प्रयासों से हम अनाज का निर्यात करने में सक्षम हैं लेकिन इस सब के बीच किसानों की हालत दिन पर दिन चिंताजनक होती जा रही है उन्हें आत्महत्या भी करनी पड़ रही है।
आगे उन्होंने कहा कि यौगिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान सराहनीय प्रयास कर रहा है, ऐसे ही हम सब को मिलकर कुछ ऐसा करना होगा कि अन्नदाता किसान आत्महत्या न करे।
संतोष जोशी और ए.के मिश्रा ने भी अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा कि किसानों की समस्याअें काफी गम्भीर हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि इसका समाधान जैविक और यौगिक खेती के माध्यम से हि निकलेगा और यह संदेश आबू की धरती से पूरे विश्व में फैलेगा।
प्रभाग और संस्था के वरिष्ठ सदस्यों का कहना था कि जैविक खेती के लाभों से तो दुनिया वाकिफ है लेकिन शाश्वत यौगिक खेती के परिणाम अदभुत है इससे पैदावार की गुणवत्ता और मात्रा तो बेहतर होगी है साथ साथ किसानों का मन भी सुंदर विचारों से भरपूर हो जायेगा क्योंकि राजयोग एक विज्ञान है, इस विज्ञान से मानसिक प्रदुषण लुप्त होता है और व्यक्ति मानसिक रूप से सशक्त हो जाता है जिसकी आज किसानों को बहुत जरूरत है।