New Delhi

वर्तमान समय प्रकृति के विषय में चर्चा करना बहुत जरूरी है क्योंकि आज देखा जाए तो प्रकृति के पांचों तत्व प्रदुषित हो चुके हैं जो कि हम सभी के लिए चिंता की बात है,ये उक्त विचार एम्स के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया के हैं जो उन्होंने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में आयोजित प्रकृति के साथ सामंजस्य विषय पर आयोजित कार्यशाला के दौरान कही। डायरेक्टर्स बोर्ड रूम में यह कार्यशाला आयोजित की गई था, जहां ब्रह्माकुमारीज में लोधी रोड सेवाकेंद्र से तनाव प्रबंधन विशेषज्ञ बीके पीयूष को मुख्य वक्ता के तौर पर आमंत्रित किया गया था।

इस अवसर पर निदेशक चिकित्सा अधीक्षक समेत बड़ी संख्या में उपस्थित डॉक्टर्स नर्स तकनीकी स्टॉफ को संबोधित करते हुए बीके पीयूष ने बताया कि शक्तिशाली संकल्पों द्वारा कैसे हम प्रकृति की रक्षा कर सकते हैं। साथ ही राजयोग का अभ्यास भी कराया जिससे सभी लाभान्वित हुए।

वहीं दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में भी इसी विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें तनाव प्रबंधन विशेषज्ञ बीके पीयूष ने कहा कि हम सभी देवताओं के वशंज हैं इसलिए हमें दातापन का गुण धारण करना चाहिए तभी प्रकृति को नुकसान पहुंचाने के बजाए उसकी रक्षा कर पाएंगे।

मौके पर उपस्थित प्रतिभागियों ने अपने विचारों से बताया कि यह संगोष्ठी उनके लिए बहुत उपयोगी रही है और समय प्रति समय ऐसे कार्यक्रम संस्थान द्वारा होते रहने चाहिए। इस अवसर पर 60 से अधिक अधिकारियों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

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