शिक्षा.. समाज व देश की रीढ़ की हड्डी होती है और यह सम्मेलन एक समाज, एक देश नहीं अपितु समूचे विश्व के लिए विचार विमर्श हेतू है.. क्योंकि मूल्यों एवं आध्यात्मिकता की आज.. सभी को आवश्यकता है और इसी से सुख शान्ति की प्राप्ति होती है.. जो सभी की ज़रुरत है। यह बात कही केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ने..।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के शिक्षा प्रभाग एवं भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने साथ मिलकर नई दिल्ली के अम्बेडकर इंटरनेशनल सेन्टर में नए ज्ञान द्वारा नया भारत विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया, जहां केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने अपने विचार व्यक्त किए।
आगे सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय मंत्री समेत शिक्षा प्रभाग के अध्यक्ष तथा कार्यक्रम के मुख्य संयोजक बीके मृत्युंजय, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शिवानी, यू.जी.सी के अध्यक्ष प्रो. डी.पी. सिंह, मिडिल ईस्ट उत्तरी अफ्रिका व दक्षिण एशिया के क्यू.एस. इन्टेलीजेन्स यूनिट के निदेशक अश्विन फरनानडिस, रुकड़ी के प्रो. व लेखक डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा, रश्यि में ब्रह्माकुमारीज़ की निदेशिका एवं दिल्ली शक्ति नगर की प्रभारी बीके चक्रधारी, हरिनगर सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके शुक्ला ने दीप प्रज्वलित किया।
अपना वक्तव्य देते हुए बीके मृत्युंजय ने भारत सरकार की नई शिक्षा नीति में मूल्यनिष्ठ शिक्षा एवं आध्यात्मिक चरित्र उत्थान प्रणाली को शामिल करने की बात कही, वहीं बीके शिवानी ने स्कूल एवं कॉलेजों में पहले आधा घण्टा आध्यात्मिक शिक्षा को प्राथमिकता देने पर ज़ोर दिया।
इस अवसर पर मौजूद अन्य अतिथियों ने भी भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे सकारात्मक बदलाव की प्रशंसा की, वहीं नई शिक्षा प्रणाली में लाईफ स्किल और आध्यात्मिक प्रज्ञा को जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
सम्मेलन में बीके चक्रधारी ने वर्तमान समय बढ़ती बीमारियों का कारण अस्वस्थ मन को बताया, वहीं बीके शुक्ला ने भारत में ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा 1937 से की जा रही ईश्वरीय सेवाओं का वर्णन किया।
सम्मेलन के दोपहर के सत्र होलिस्टिक हेल्थ एण्ड एनवायरमेंटल अवयेरनेस विषय को बीके बीके शिवानी एवं दिल्ली फॉर्माक्यूटिकल साईंसिस एण्ड रीसर्च यूनिवर्सिटी के उप कुलपति प्रो. रमेश के. गोयल ने सम्बोधित किया।
आगे सम्मेलन के समापन अवसर सामाजिक परिवर्तन के लिए नए ज्ञान विषय पर चर्चा हुई, जिसमें जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के सईद अखतर, रेवेनशा विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति बैशनव चरण त्रिपाठी, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रफुल्ल कुमार मिश्रा समेत अन्य कई विशिष्ट जनों ने सम्मेलन को सम्बोधित किया।