सीबीआई के अधिकारियों का कार्य चुनौतीपूर्ण होता है, जैसे-जैसे भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराध बढ़ता है वैसे-वैसे मौजूदा चुनौतियों से निपटने और भावी रणनीति बनाने के लिए कौशल और क्षमताओं को सुदृढ़ करना अनीवार्य हो जाता है कौशल को बढ़ने का एक साधन योग भी है इसी को ध्यान में रखते हुए नई दिल्ली के लोधी रोड में भारत सरकार की शीर्ष जांच एजेंसी ‘केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरों में ‘खुशनुमा जीवनशैली‘ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका संबोधन तनाव प्रबंधन विशेषग्य बीके पियूष ने किया.
इस अवसर पर मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, चंडीगढ़, जयपुर, गुवाहाटी, चन्नई, कानपूर आदि स्थानों से कई अधिकारियो ने भाग लिया. अपने वक्तव्य में बीके पियूष ने खुशी की सच्ची परिभाषा को रेखांकित करते हुए संस्था का एकमात्र उद्देश आम जन के जीवन में आशा की किरण जगाना है, यह भी बताया. अंत में सभी को योग की गहन अनुभूति कराई
इस बात को हम सब जानते है की तंबाकू का वास्तविक चेहरा बीमारी, मौत और डर है- ना कि चमक और कृत्रिमता जो तंबाकू उद्योग के नशीली दवाएँ बेचने वाले लोग हमें दिखाने की कोशिश करते हैं कभी दूसरों की देखा देखी, कभी बुरी संगत मे पड़कर, कभी मित्रो के कहने पर, कई बार कम उम्र मेँ खुद को बडा दिखाने की चाहत में तो कभी धुएँ के छ्ल्ले उडाने की ललक में न चाहते हुए भी लोग काल के गाल का निवाला बन जाते है इसीलिए तंबाकू से होने वाले सभी परेशानियों और स्वास्थ्य जटिलताओं से लोगों को जागरुक बनाने के लिये पूरे विश्व भर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है इस मुहीम में ब्रह्माकुमारिज संस्थान भी अपना पूरा उत्तरदायित्व समझते हुए पुरे देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती है आइये देखते है इस पर हमारी एक विशेष रिपोर्ट