नई दिल्ली के प्रहलादपुर बांगेर में प्राचीन भारतीय संस्कृति के पुनःउत्थान हेतु स्वर्णिम संस्कृति जाग्रति अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ माउंट आबू से आये मुख्यालय संयोजक बीके दयाल, बीेके सतीश, रायपुर से आये लीड सिंगर बीके युगरतन, को – सिंगर बीके सोनी, सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रजनी, समयापुर बदली की सेवाकेंद्र प्रभारी बीके कुसुम लता एवं संस्थान के अन्य सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या मे लोग शामिल थे।
किसी भी देश की संस्कृति उस देश का आधार है उसका रक्षा कवच है जिसमें देश के सभी लोग सुरक्षा व सुख की अनुभूति करते हैं लेकिन वर्तमान में लोग अपनी संस्कृति व सभ्यता को भूल चुके है और पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे है इसलिये दुखी है इसे समाप्त करने व फिर से दैवीय संस्कृति की स्थापना के लिये विश्व रचेयता अपने दिव्य ज्ञान और राजयोग से मानव को दैवीय गुणधारी व श्रेष्ठ कर्मधारी बना रहे हैं और अगर व्यक्ति सिखाई जाने वाली इस राजयोग विद्या को अपने जीवन में धारण करें तो वो दिन दूर नहीं जब पुनः भारत में स्वर्णीम युग की स्थापना हो जायेगी।