कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक पद्धति के साथ साथ आध्यात्मिकता के समन्वय के अदभुत प्रयोग भारत के कोने कोने में ब्रह्माकुमारिज द्वारा किए जा रहे है इसी के अंतर्गत हरियाणा में जींद के निर्जन गांव में शाश्वत योगिक खेती के दवारा अच्छे बीज, गोबर की खाद एवं योग के प्रयोग और प्रकृति को शुभ भावना के माध्यम से खेती की जा रही है इसी के तहत खेत में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे सेवाकेंद्र प्रभारी बीके विजय ने शाश्वत योगिक खेती के महत्व को स्पष्ट किया।
कार्यक्रम में आगे प्रकृति की सुरक्षा, जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने हेतु खाद और दवाई बनाने की विधि, देसी गाए का और खेती में आध्यात्मिकता का महत्व आदि विषयों पर चर्चा की गई इस अवसर पर कार्यक्रम में शामिल सभी भाई बहनो ने फसल को योग दवारा शुभ भावनाओं का योगदान दिया साथ ही अन्य किसानों को भी जैविक व् योगिक खेती की प्रेरणा देने का संकल्प लिया।