आज की शिक्षा जगत में नैतिक मूल्यों की मांग तेजी से बढ़ रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उत्तर भारत के केन्द्रीय विद्यालयों के सभी प्राचार्यों एवं शिक्षकों को ब्रह्माकुमारीज संस्थान मूल्यों का पाठ पढ़ा रहा है जिसकी पहल खुद केन्द्रिय विद्यालय संगठन ने की थी उसी पहल के तहत गुरूग्राम के ओम् शांति रिट्रीट सेंटर में केंद्रिय विद्यालय संघटन ने दिल्ली, गुरूग्राम और आगरा की सभी शाखाओं की प्रिसिंपल्स को प्रशिक्षण लेने के लिए भेजा है।
एक शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है, और जिस देश के शिक्षक उंचे आदर्श के उपासक होंगे वह देश कभी पिछड़ नहीं सकता लेकिन आज प्राचीन गुरू शिष्य परम्परा समाप्त होते नजर आ रही जोकि एक चिंता का विषय हैं केंद्रिय विद्यालय संगठन ने इस बात की महत्ता को समझते हुए उत्तर भारत के सभी केन्द्रिय विद्यालय के शिक्षकों एवं उच्चाधिकारियों को मूल्यों के प्रशिक्षण के लिए ब्रह्माकुमारीज संस्थान का चयन पूर्व में किया था जिसके दूसरे चरण का प्रशिक्षिण ओआरसी में हुआ तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण में तनावमुक्त जीवनशैली, वर्क लाईफ बैलेंस, माइंड द माइंड, इंसपिरेसनल लीडरशिप, टीम बिल्डिंग, इनहैंसिंग इनर पॉवर जैसे विषयो पर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया इस ट्रेनिंग में भारत सरकार के स्कूल शिक्षा, साक्षरता और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अनिल स्वरूप, केंद्रिय विद्यालय संघटन के कमिश्नर संतोष कुमार, अकेडमिक्स की ज्वाइंट कमिश्नर विजय कुमार मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए और ट्रेनिंग प्रोग्राम की सराहना की।
वहीं संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन और ओआरसी की सह निदेशिका बीके गीता ने भी सभी से ज्ञान की रूहरिहान की।
इस ट्रेनिंग के अंत में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहाकि ये ट्रेनिंग हमारी मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन लाने में काफी सक्षम थी
गौरतलब है कि सन् 2010 में भी मानव संसाधन तथा केन्द्रिय विद्यालय संगठन द्वारा ब्रह्माकुमारीज संस्थान को यह जिम्मेदारी दी थी, जिसका पुनः लागू किया गया है जिससे शिक्षा में एक नयी नीति आयेगा ऐसा केन्द्रिय विद्यालय को विश्वास है और हमें भी यकीन है उनकी ये पहल पूरे भारत के शिक्षण संस्थानों के लिए परिवर्तन की पहल का सबब बनेगा।