गुरूग्राम के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में केंद्रीय विद्यालय के हेडमास्टर्स के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया। 3 दिवसीय इस टे्रनिंग कार्यक्रम का उद्घाटन एडिशनल कमिश्नर उदय नारायण खवारे, असिस्टेंट कमिश्नर संजीत कुमार, ओआरसी की निदेषिका बीके आषा ने कैंडल लाइटिंग कर किया।
शिक्षा जगत में नैतिक मूल्यों को षामिल करने की आवष्यकता को समझते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन ने उत्तर भारत के केन्द्रीय विद्यालयों के सभी प्राचार्यों एवं शिक्षकों को ब्रह्माकुमारिस संस्थान द्वारा मूल्यों की षिक्षा दी जाएगी ऐसा ऐलान किया था। जिसके तहत ओम षांति रिट्रीट सेंटर मे यह ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया जिसमें स्ट्रेस फ्री लिविंग, माइंड द माइंड, इन्हैंसिंग सेल्फ मोटिवेशन जैसे अनेक विषयों पर चर्चा की गई इस दौरान मौजूद अतिथियों ने कार्यक्रम आयोजित करने का उद्देश्य बताया।
इस अवसर पर ओआरसी की निदेशिका बीके आशा ने कहा कि बच्चों की सबसे ज्यादा आस्था अपने टीचर्स पर होती है…ऐसे में ये ज़रूरी है कि स्कूल के टीचर्स को अपने बोल कर्म और व्यवहार द्वारा बच्चों को शिक्षित करने का प्रयास करना चाहिए….इसके साथ ही मोटिवेषनल स्पीकर बीके ई वी गिरीष व हैदराबाद से आई वरिष्ठ राजयोग षिक्षिका बीके राधिका, कर्नाटक के सिरसी सेवाकेंद्र प्रभारी बीके वीना ने भी अपने विचार जाहिर किए।
अंत में कई प्राचार्यों व षिक्षकों ने अपने सुंदर अनुभव सभी के साथ साझा किए व असिस्टेंट कमिश्नर इंदू ने सभी को शुभकामनाएं दी जिन्हें बीके आशा ने ईश्वरीय सौगात के साथ ही पौधा भी भेंट किया।
इसके साथ ही संस्थान के एडमिनिस्ट्रेशन विंग द्वारा प्रभाग से जुड़े सदस्यों के लिए भी ट्रेन द ट्रेनर प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसमें देष के अनेक स्थानों से आए 80 बीके सदस्यों ने इसमें सहभागिता की।
इस प्रोग्राम में कान्फलिक्ट रिसोलूशन, हन्हैंसिंग सेल्फ इस्टिम, एटिट्यूड चेंज और गुड गवर्नेंस जैसे अनेक विषयों पर ओआरसी की निदेषिका बीके आषा, लॉरेंस रोड सेवाकेंद्र प्रभारी बीके लक्ष्मी, हैदराबाद से आई बीके राधिका, बीके ई. वी. गिरीष व अन्य सदस्यों ने चर्चा की
इसके साथ ही कुछ वर्कशाप, डायलॉग, पैनल्स व गेम्स समेत कई गतिविधियां आयोजित की गई थी जिसके माध्यम से सभी को बेहतरीन प्रषासन करने की शिक्षा दी गई।
इस टे्रनिंग प्रोग्राम के समापन में प्रभाग से जुड़े सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किए और बीके दामिनी ने मधुर गीत द्वारा परमात्म स्मृति दिलाई।