मनोवैज्ञानिकों की मानें तो मोबाइल, लैपटॉप जैसे गैजेट्स से घिरे रहने के चलते लोगों में एक तरह की बेचौनी है इस वर्चुअल वर्ल्ड के चलते हम अपनी आसपास की दुनिया से दूर हो रहे हैं। इसी समस्या का हल बनकर सामने आया है ‘डिजिटल डिटॉक्स’ टेक्नोलॉजी से घिरे युवाओं के लिए यह एक बेहद अहम थैरेपी बनती जा रही है। इसका मतलब है खुद को डिजिटल दुनिया से दूर करना इसी के तहत दिल्ली के लोधी रोड सेवाकेंद्र द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथियों में सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड में मुख्य परिचालन अधिकारी ऋषिकेश पाटनकर, दूरसंचार विभाग के पूर्व उपमहानिदेशक निर्मल कुमार जोशी ने अपने विचार रखे। संगोष्ठी में आगे स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभारी बीके गिरिजा, प्रेरक वक्ता बीके पियूष एवं संस्थान के आईटी प्रभाग की जोनल कोऑर्डिनेटर बीके रमा ने भी विषय के तहत सभी ऑनलाइन प्रतिभागियों को मार्गदर्शित किया।