आज भारत के पास बहुत बड़ी युवा शक्ति है, शायद इसी युवा शक्ति को देखकर भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी भारत को डिजिटल इंडिया बनाने की ओर अग्रसर हैं, वहीं दूसरी ओर प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्वविद्यालय भारत को डिवाइन इंडिया बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है, जिसकी एक झलक संस्थान के मुख्यालय शांतिवन में देखने को मिली।
मौका था शिक्षकों के लिए सुख और शान्तिमय जीवन के लिए अध्यात्मिक शिक्षा विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का जिसका शुभारंभ संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, महासचिव बीके निर्वैर, राजस्थान सरकार के श्रम, कौशल एवं नियोजन मंत्री जसवंत सिंह यादव, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. अनिल दी. सहस्रबुधे, शिक्षा प्रभाग के उपाध्यक्ष बीके मृत्युंजय, राष्ट्रीय संयोजक बीके डॉ. हरीश शुक्ल, मूल्य और अध्यात्मिक शिक्षा कोर्स के निदेशक बीके पांड्यामणि, मुख्यालय संयोजक डॉ. आर.पी. गुप्ता समेत अनेक पदाधिकारीयों ने दीप जलाकर किया।
शिक्षा का उद्वेश्य सिर्फ इंजिनियर, डॉक्टर, वकिल, बनाना नहीं है, बल्कि व्यक्ति को तनावमुक्त, भयमुक्त, पापमुक्त, ईर्ष्यामुक्त, विकार मुक्त बनाना है, तभी भारत डिवाइन इंडिया बन पायेगा और उसके लिए चाहिए ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग ध्यान जिसके माध्यम से व्यक्ति का मन पापमुक्त और विकारमुक्त बन सकता है इसी अध्यात्मिक ज्ञान को स्कूल व कालेजों में मूल्यनिष्ठ शिक्षा पाठ्यक्रम के रूप सम्मिलित करने का प्रचार प्रसार प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्वविघालय कई वर्षो से कर रहा है।