ला मानव मन की रचना है और जब किसी कलाकार का मन काम, क्रोध, लोभ और अंहकार से प्रदूषित होता है तो उसकी कला के प्रदर्शन में साफ झलकता है लेकिन एक अध्यात्मिक रूप से सशक्त मन अपनी कला के प्रदर्शन से समाज में सच्चाई, खुशी, शांति, प्यार, सदभाव् और सुदंरता को प्रदर्शित करता है और ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के कला एवं संस्कृति प्रभाग द्वारा ऐसा ही प्रयास माउंट आबू के ज्ञान सरोवर में देखने को मिला, जहां अध्यात्मिकता द्वारा कलाकारों का सशक्तिकरण विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
एक कलाकार जो दूसरो को खुश करता हंसाता है परंतु कई बार वह स्वयं कई कारणों से तनाव में आ जाता है इसलिए अगर वह अध्यात्मिकता को जीवन में उतारता है और खुशियों के सागर के साथ जुड़कर शक्तियां प्राप्त करता है तो वह खुश रह सकता है और समाज में खुशियां भी फैला सकता है।
इस सम्मेलन का शुभारंभ ज्ञानसरोवर की निदेशिका बीके निर्मला, संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृंत्युजय, प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके कुसुम, मुख्यालय संयोजक बीके सतीश समेत देश के कई हिस्सों से आए कलाकारों ने अपने हस्तकमलों से दीप जलाकर किया। इसके पश्चात् संस्थान के वरिष्ठ सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किये।
देशभर से आए कलाकारों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया जिसमें कलाकारों ने माहौल को अध्यात्मय बना दिया।