व्यक्गित जीवन में आध्यात्मिक सिद्धातों के प्रयोग से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का स्पार्क प्रभाग सदा प्रयासरत रहता है, जिसका एक नजारा माउंट आबू के ज्ञानसरोवर में शोधकर्ताओं के लिए आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में देखने को मिला जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े शोधकर्ताओं ने बड-चढ़ कर भाग लिया।
राजयोगा मेडिटेशन के प्रैक्टिकल एप्लीकेशन को किसी भी क्षेत्र में प्रयोग करने वाले शोधकर्ताओं से समन्वय बनाकर भविष्य और वर्तमान की परियोजनाओं पर कार्य करने के उद्धेश्य को लेकर आयोजित इस सम्मेलन में शोधकर्ताओं ने ‘इनर रिसिलियंस टू आउटर एजिलिटी’ विषय पर गहन चिंतन मंथन किया।
विश्व को सुखमय और शांतिमय बनाने के लिए एटम बम बनाने की जरूरत नहीं लेकिन लोगो को आत्मा का यथार्त परिचय और राजयोगा मेडिटेशन द्वारा सेल्फ रियलाइजेशन की जरूरत है और यह केवल विज्ञान से नहीं होगा यह अध्यात्मिकता और विज्ञान के समन्वय से होगा।
इस दौरान संस्थान के महासचिव बीके निर्वेर ने सम्मेलन में आए वैज्ञानिकों को वीडियों कान्फ्रेंसिंग द्वारा संबोधित करते हुए शुभकामना संदेश दिया वहीं प्रभाग की अध्यक्षा बीके अंबिका ने समाज की दिशा और दशा को सुधारने के लिए अध्यात्मिक ज्ञान को अपने जीवन में धारण करना अत्यंत आवश्यका बताया।