मन, शरीर और दवा के बेहतर संयोजन से ही सर्वागिण स्वास्थ्य मिल सकता है। परन्तु तेजी से विकास और आधुनिकता की दौड़ से बिगड़ते संतुलन को साधने के लिए भारत तथा नेपाल से आये हजारों की संख्या में प्रतिष्ठित चिकित्साकर्मियों ने इसके सकारात्मक समाधान के लिए मंथन किया। ब्रह्माकुमारीज संस्था के मेडिकल प्रभाग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उदघाटन संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, महासचिव बीके निर्वैर, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, मेडिकल विंग के वाइस प्रेसिडेंट डॉ प्रताप मिड्ढ़ा, कार्यकारी सचिव बीके डॉ बनारसी लाल शाह, मेदांता हॉस्पिटल में कार्डियोलाजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ भरत रावत समेत कई नामचीन चिकित्सकों के कर कमलों से किया गया।
माइंड बॉडी मेडिसिन विषय पर 35th नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मुख्यालय शांतिवन में मेडिकल विंग द्वारा किया गया था
राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि माइंड के लिए मेडिटेशन चाहिए आध्यात्मिकता चाहिए तभी वह शांत हो सकता है। वहीं संस्थान के अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने भी अपने विचार सभी के सामने रखे।
सम्मेलन के द्वौराऩ डॉ एनटीआर यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंसेस के वाइस चांसलर डॉ सी वेंकेटेश्वराव ने जहां शब्दों से धन्यवाद किया। वहीं डॉ भरत रावत ने प्रैक्टिकल उदाहरण देते हुए बताया कि जब भी हम विषम परिस्थिति में होते हैं तो हम वहीं रिएक्ट करते हैं जो हमारे अंदर होता है। अंत में डॉ निरंजना ने सभी को राजयोग के बारे में संक्षिप्त में बताते हुए योगाभ्यास कराया।