शांतिवन में चल रहें 38वें बाल व्यक्तित्व शिविर का समापन हो गया है, 5 दिन तक चलें इस शिविर के दौरान बच्चों के कमेंट्री के साथ योगाभ्यास, शारिरिक व्ययाम, सांस्कृतिक कार्यक्रम व कई प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।जिसके बच्चों का सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास हो सकें।
देश की नयी इबारत लिखने वाले कल के भविष्यनौनिहालों का सर्वागिण विकास आज की मुख्य आवश्यकता है।जिस तरह से युवाओं को पश्चिमी संस्कृति अपने गिरफ्त में लेती जा रही है।यह वर्तमान समय समाज के लिए चिंता का विषय है।ऐसे में जरुरी है कि इन नौनिहालों को शिक्षा के साथ एक ऐसा वातावरण उपलब्ध कराया जाये जिससे उनके अन्दर मूल्यों का विकास हो सके।इसी के चलते संस्थान का शिक्षा प्रभाग लगातार कई वर्षो से बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन कर रहा है।इस शिविर में बच्चों को प्रातः काल से ही गुरुकुल की भांति मेडिटेशन, शिक्षा, खेलकूद के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उनके अन्दर छिपी प्रतिभाओं को जागृत करने का प्रयास किया।
जिससे वे आने वाले कल का ना सिर्फ प्रतिनिधित्व करें बल्कि एक श्रेष्ठ भारत के कर्णधार बनेंपांच दिन तक चलें इस शिविर में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।जिसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।