किसने सोचा था कि एक ऐसा वक्त आएगा जब कुछ पल में ही सबकुछ बदल जाएगा आज पूरा देश परिवर्तन के मोड़ पर खड़ा है, फिर चाहे वो जिंदगी का हो या अर्थव्यवस्था का आत्मनिर्भरता की बात हो या मनोबल की अब देश को इसी की ज़रूरत है आज के बुलेटिन में हम आपको दिखाएंगे कि कोरोना संकट के समय ब्रह्माकुमारीज संस्था जरुरतमंदों की किस तरह से आर्थिक, भौतिक व मानसिक रूप से मदद कर रही है और संस्थान के मुख्यालय द्वारा कौन से ऑनलाइन कार्यक्रम किए जा रहे हैं ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मुख्यालय माउंट आबू से। कोरोना की रोकथाम के लिए भले ही आज देश में लॉक डाउन है लेकिन ब्रह्माकुमारीज संस्थान ने सभी वर्गों में मूल्यों और वर्तमान समय की प्रासंगिकता के लिए ऑनलाईन सम्मेलनों के जरिए देश विदेश में लोगों से लगातार जुड़ रही है। इसी के तहत संस्थान के साइंटिस्ट एंड इंजीनियरिंग विंग द्वारा ऑनलाइन सम्मेलन आयोजित किया गया 3 दिवसीय इस सम्मेलन का विषय रहा एनहांसिंग क्वॉलिटी ऑफ लाइफ जिसके उद्घाटन सत्र में संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, संस्था के महासचिव बीके निर्वैर, अतिरिक्त महासचिव बीके ब्रजमोहन, कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय, प्रभाग के अध्यक्ष बीके मोहन सिंघल ने अपना वक्तव्य दिया उन्होंने क्या कहा आईए सुनते हैं
ये पांचों बाईट चलेंगी एक पॉस होगा दूसरा चलेगा सबसे पहले दादी रतनमोहिनी फिर बीके निर्वैर फिर बीके ब्रजमोहन फिर बीके मृत्युंजय फिर बीके मोहन सिंघल भाई जी की। और बाद में सिंगल सिंगल बाईट चलेगी, या इसके जस्ट अपोज़िट कर सकते हैं पहले दो बाईट सिंगल सिंगल फिर विंडो में दिखाएंगे। इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि हरियाणा से सांसद संजय भाटिया ने प्रभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी व संस्थान की बहनों द्वारा किए जा रहे निस्वार्थ कार्यों को सराहा। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके उषा ने राजयोग का अभ्यास कराया वहीं अगले सत्र में मोटिवेशनल स्पीकर बीके ई वी स्वामीनाथन ने भी साइंस ऑफ वेलबीइंग विषय पर बखूबी प्रकाश डाला।