ब्रह्माकुमारीज संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी जी के अमूल्य प्रवचनों के महत्वपूर्ण अंश के संकलन पर आधारित समर्पण नाम पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। इस पुस्तक का विमोचन शांतिवन के डायमंड हॉल में जर्मनी में ब्रह्माकुमारीज संस्थान की निदेशिका बीके सुदेश, ज्ञानामृत पत्रिका के संपादक बीके आत्मप्रकाश, बीके विनोद जैन और दादी जानकी की निजी सचिव रही बीके हंसा की उपस्थिति में किया गया। आपको बता दें कि दादी जानकी जी के विशेष महावाक्यों का संकलन सैक्रामेंटो की बीके हंसा ने किया है।
104 वर्ष तक देश और दुनिया में अपनी ओजस्वी वाणी से लोगों की जिन्दगी में आध्यात्मिकता का संचार कर नयी जिन्दगी देने वाली राजयोगिनी दादी जानकी हमेशा लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगी। क्योंकि उनके अनमोल वचनों के महत्वपूर्ण अंश का संग्रह उन लोगों के लिए आध्यात्मिक उड़ान के लिए संजीवनी साबित होगा जो लोग उन्हें नहीं सुन पायें है। इस पुस्तक का नाम समर्पण है अर्थात अपने कर्म, अपनी सेवा और अपनी जिम्मेवारी के लिए समर्पित होकर कार्य करने की शक्ति मिलती रहेगी।
इस पुस्तक के बारे में बताते हुए बीके हंसा ने कहा कि इस पुस्तक के जरिए दादी जानकी जी के महत्वपूर्ण और अनमोल महावाक्यों से जीवन को श्रेष्ठ बनाने की प्रेरणा मिलती रहेगी। इस पुस्तक का प्रकाशन ब्रह्माकुमारीज संस्थान के ज्ञानामृत प्रेस द्वारा किया गया है जो लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।