सत्ता के चकाचौध में आध्यात्मिकता को शामिल कर बेहतरीन नेतृत्व के उददेश्य को लेकर ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के ज्ञान सरोवर में राजनीतिज्ञों के लिए सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में राजनीति से जुड़े लोग शामिल हुए, सम्मेलन का उदघाटन उत्तर प्रदेश के गन्ना राज्यमंत्री सुरेश राणा, संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, प्रभाग के अध्यक्ष बीके बृजमोहन, मुख्यालय संयोजक बीके उषा, बिहार के पूर्व मंत्री सीताराम सिन्हा, राष्ट्रीय संयोजिका बीके लक्ष्मी समेत कई लोगों ने दीप जलाकर किया।
विश्व के इतिहास में भारत ही एक ही एक अैसा देश है जहां पूर्वजों के पास राज सत्ता और अध्यात्मिकता एक साथ थी। जिनके नेतृत्व में रामराज्य अर्थात सतयुग था भारत में पुनः उसी रामराज्य की स्थापना के लिए राजसत्ता और अध्यात्मिकता को एकजुट होना पडेगा यही वजह थी कि राजनीतिज्ञों के सम्मेलन में बड़ी संख्या में राजनेता तथा राजनीति से जुड़े पदाधिकारी शामिल हुए। तीन दिनों तक चले सम्मेलन में वर्तमान समय में राजनीति में आ रही गिरावट और उसके मूल्यों के क्रियान्वयन के लिए लगातार चर्चा की गयी, इसके साथ ही इस बात पर बल दिया गया कि यदि राजनीति को पारदर्शी बनाना है तो राजनीति में मूल्यों को शामिल करना जरुरी है।
सम्मेलन में शरीक होने आये राजनीतिज्ञों ने माना कि वर्तमान समय सामाजिक व्यवस्था को ठीक करने के लिए राजनेताओं का भी सशक्त होना जरुरी हैं। ऐसा कम ही होता है जब राजनेता आध्यात्मिकता के जरिये राजनीति को साफ सुथरा करने पर बात करें। परन्तु ज्ञान सरोवर में आयोजित सम्मेलन कई मायनों में मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर तेलांगना के पूर्व विधायक गंगाराम सागर, बीके सपना समेत कई लोगों ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये।