भौतिक और विज्ञान के शिखर वाले देश अमेरिका में शांति की प्रक्रिया के लिए प्रतिस्थापित पीस विलेज के 20 साल हो यह किसी अजूबे से कम नहीं है। जी हॉं यह सच है कि अमेरिका में बने पीस विलेज को शांति का सींचन करते 20 वर्ष हो गये। जब यह उपलब्धि दुनिया की सबसे उमद्रराज और महान आध्यात्मिक नेता 103 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकी के पास पहुंची तो दुनिया के कई मुल्कों का चक्कर लगाते खुद शरीक होने उपस्थित हो गयी। फिर तो क्या था पूरा पीस विलेज अध्यात्म की उड़ान में डूब गया।
20 वर्ष पहले जब पीस विलेज की नींव रखी गयी होगी तो यह अंदाजा नहीं रहा होगा कि बीस वर्ष बाद इसकी खुशबू पूरे विश्व को आलोकित करेगा। लेकिन इससे बढ़कर हुआ। पीस विलेज में आने वाले राजयोगियों को विज्ञान को आध्यात्मिकता की धार देने के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। 20 वर्ष को एक यादगार लम्हे के रुप में मनाने के लिए हर तरह का आयोजन तो था लेकिन सिर्फ और सिर्फ शांति के संदेश के साथ। जैसे ही दादी जानकी पहुंची पूरा पीस विलेज उमड़ गया। धवल वस्त्रों में सजे राजयोगियों का कलरव एक अलग उमंग के साथ आनन्दित था।
इस समारोह में पंजाब के भांगड़ा से लेकर कृष्ण के आगमन की तैयारियों के तक के गीतों से पूरा समारोह सराबोर रहा। फिर दादी जानकी की उपस्थित और उनकी शक्तिशाली दृष्टि ने इस समारोह के मकसद को चरितार्थ कर दिया। नोर्थ अमेरिका में ब्रह्माकुमारीज़ की डायरेक्टर राजयोगिनी बीके मोहिनी और दादी जानकी की सारथी ने तो पूरे समारोह को रंगीन कर दिया। अमेरिका के कोने कोने समेत कई देशों से आये भाई बहनों ने दादी से आशीवर्चन और तरक्की का संकल्प लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया।