एक कहावत है कि जहॉं नहीं पहुंचे रवि वहॉं पहुंचे कवि। अर्थात शब्दों के कलाकारी से शब्दों को पिरोकर सौन्दर्य पैदा करने की कला केवल कवि के पास ही होती है। क्योंकि अनुभवी भाषायी ज्ञान एक साहित्यकार की नींव हो सकता है, परन्तु सामाजिक गतिविधियों के प्रति संवेदनशीलता को शब्द रूप दे देना एवं मानवीय संवेदनाओं को काव्य में रच देना, एक नैसर्गिक ईश्वरीय वरदान है, कोरोना काल के पश्चात् गॉडलीवुड स्टूडियो का सुप्रसिद्ध कार्यक्रम ‘‘काव्य सरिता‘‘ पुनः शुरू किया गया है जिसमे देश के कई दिग्गज कवियों ने भाग लिए एवं उनका संस्था के पदाधिकारियों द्वारा स्वागत सत्कार किया गया।
इस कार्यक्रम में संस्था की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी जी, अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके संतोष, गॉडलीवुड स्टूडियो के कार्यकारी सचिव बीके हरिलाल, धार्मिक प्रभाग की नेशनल कोर्डिनेटर बीके मनोरमा ने अपनी शुभकामनाए व्यक्त की।
इस आयोजन में विविध विषयों और त्योहारों पर अपने आध्यात्मिक गहराइयों को साथ लेकर कवियों ने अपनी सुन्दर रचना प्रस्तुत की, इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध कवि प्रोफेसर डॉ. राजीव शर्मा, गायक हरीश मोयल, सुप्रसिद्ध कवित्री कविता किरन, आशा पाण्डेय, मधुवन से बीके सतीश आदि उपस्थित रहे, कार्यक्रम का संचालन बीके विवेक द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम त्योहारों एवं योग्य समय पर पीएमटीवी तथा अन्य चौनल्स में प्रसारित किये जायेंगे।