इंटरनेश्नल डांस डे के विशेष अवसर पर आगरा के इदगाह में संस्थान के कला एवं संस्कृति प्रभाग तथा नृत्य ज्योति कथक केन्द्र द्वारा नृत्य समागम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संगीतज्ञ सरोज गौड़, नृत्य ज्योति कथक केन्द्र की संचालिका ज्योति खंडेलवाल, समाज सेवी बृज खंडेलवाल, माउण्ट आबू से आए बीके भानू, बीके जगदीश, बीके भोपाल, स्थानीय सेवाकेन्द्र प्रभारी बीके अश्विना, बीके अमर ने दीप जलाकर सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ किया।
भारतीय संस्कृति में हर नृत्य के तौर तरीका कुछ संदेश देता है, जिसमें सिर्फ खुशी देना नहीं बल्कि मानसिक अवसादों से छूटकारा दिलाना भी है। नृत्य न केवल शारीरिक रुप से स्वस्थ बनाता व मानसिक शांति भी देता है और धीरे–धीरे समय के साथ बदलाव ने इसके मायने ही बदल गए है। कुछ ऐसी ही कालाकरों द्वारा प्रस्तुतियां दी गई, जिससे उन्हें आन्तरिक खुशी तो मिली ही उसके साथ–साथ वातावरण में व्याप्त नकारात्मकता को आध्यात्मिकता से खत्म करने का उन्होंने संदेश भी दे दिया।
कार्यक्रम में कलाकारों ने भारतीय संस्कृति की छटा तो बिखेरी ही इसके साथ–साथ संस्थान के सदस्यों द्वारा नृत्य और कला के विषय में अपने विचार व्यक्त किए।
इस दौरान कथक समेत नृत्य के अन्य कई रुप देखने को मिले, जिसमें कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां देकर अपनी कला का प्रदर्शन दिया।