जहां एकता है वहां सुरिक्षत जीवन का अनुभव होता है और जहां बॅटवारा है वहां भटकाव का,आज समाज में हर जगह अलग- अलग मत होने के कारण मानव जीवन असुरिक्षत सा महसूस होने लगा है और आवश्यकता है। एक ऐसे संगठन की जहां डर व गम का नामोनिशान भी न हो। इसी लक्ष्य को स्मृति में रखते हुये मध्यप्रदेश के रीवा में अंतर्राष्ट्रीय ब्राहमण संस्थान द्वारा परशुराम जयंती के अवसर पर ब्राहमण महासम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें पूर्व अपर कलेक्टर डॉ. नवीन तिवारी, इंजीनियर राजेंद्र पांडे, प्रोफेसर श्रीकांत पांडे, इंजीनियर रामायण प्रसाद तिवारी, डॉ. सी.बी शुक्ला, रामधार शास्त्री समेत शहर के जाने माने पांच सौ से अधिक ब्राहमणों ने सहभागिता की।
यह कार्यक्रम नयन श्री मैरिज़ गार्डन में सम्पन्न हुआ, जहां मुख्य अतिथि के रुप में आई रीवा सेवाकेन्द्र की प्रभारी बीके निर्मला ने कहा कि सच्चा ब्राहमण वह है जो शराब, सिरगेट, गुटका व तम्बाकू का सेवन न करता हो एवं जो संपूर्ण चरित्रवान व सुसंस्कारित हो, वही ब्राहमण ही जगत का कल्याण कर सकता है। अंत में शहर के प्रबुद्ध व्यक्तियों को उनके उत्कृष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किया गया।