माउण्ट आबू में ब्रह्माकुमारीज़ के ज्ञान सरोवर में संस्था के न्यायविद प्रभाग द्वारा आध्यात्मिकता से राष्ट्र की गरिमा, एकता एवं अखंडता को सुनिश्चित करने में न्यायविदों की भूमिका विषय पर त्रिदिवसीय सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसके उद्घाटन अवसर पर भारत के प्रथम लोकपाल न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्रघोष ने कहा कि रजायोग सर्व प्रकार की विकृतियों को समाप्त कर सर्व के प्रति शुभभावना एवं शुभकामना रखने में सहायक है।
इस अवसर पर मौजूद अन्य मुख्य अतिथियों में मध्यप्रदेश लोकायुक्त यू.सी. माहेश्वरी, इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज ए.के. श्रीवास्तव, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्यायाधीश वी. ईश्वरैय्या समेत अन्य कई प्रख्यात हस्तियों ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्र की बेहतरी के लिए आध्यात्मिकता की भूमिका को अपने-अपने शब्दों में अहम बताया.. सुनते है.. इनके विचार..
इस कार्यक्रम का शुभारम्भ मौजूद सभी विशिष्ट अतिथियों एवं संस्था के वरिष्ठ पदिधकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया, जिसके पश्चात् संस्था के महासचिव बीके निर्वैर ने विडियों के ज़रिए.. कार्यक्रम के प्रति अपनी शुभआशाएं व्यक्त की और कहा कि दिव्यगुणों से सुशोभित मानव ही समाज के उत्थान में योगदान दे सकता है।
न्यायवदि प्रभाग के अध्यक्ष बीके बी.एल माहेश्वरी, उपाध्यक्षा बीके पुष्पा, संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना ज़ोन की निदेशिका बीके संतोष ने भी समाज में बढ़ती हिंसात्मक घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए मानव के भीतर विराजमान पांच विकारों पर विजय प्राप्त करने की बात कही।