राजयोग से ही हर समस्या का समाधान हो सकता है। उक्त विचार भारत सरकार के नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत ने व्यक्त किए। डॉ. सारस्वत ने ब्रह्माकुमारीज के स्पार्क विंग द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि ये बात कही। ओम शांति रिट्रीट सेंटर के दादी प्रकाशमणि सभागार में राजयोग के द्वारा एक नया संगठनात्मक और सामाजिक परिवेश विकसित करना विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राजयोग हमें क्रिएटिव और इनोवेटिव बनाता है। उन्होंने कहा कि विकास एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। जो राजयोग से ही संभव है। यदि हम आध्यात्मिक हैं तो हमारे व्यक्तित्व में शांति और प्रेम जैसे गुण स्वाभाविक रूप से होंगे। डॉ. सारस्वत ने कहा कि आज गूगल और एप्पल जैसी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों के लिए योग के सत्र आयोजित करती हैं।
संस्था के अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बीके बृजमोहन ने कहा कि आज का युग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है। जिस कारण मानव आज भाव शून्य हो गया है। उन्होंने कहा कि बिना मानव मूल्यों के व्यक्ति एक मशीन के समान है। आज हम सशक्तिकरण की बात करते हैं। लेकिन सबसे पहले आत्मिक सशक्तिकरण की जरूरत है। राजयोग के अभ्यास से ही आत्मा को सशक्त किया जा सकता है।
ब्रह्माकुमारीज के स्पार्क विंग की अध्यक्ष बीके अंबिका ने सम्मेलन के विषय में बोलते हुए कहा कि राजयोग से ही हम अपने आंतरिक व्यक्तित्व को निखार सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्मा ही गुणों का मूल स्रोत है। राजयोग द्वारा ही हम उन गुणों का अनुभव कर सकते हैं।
सम्मेलन में स्पार्क विंग के राष्ट्रीय संयोजक बीके श्रीकांत, महाराष्ट्र जोन संयोजक बीके अल्का, पद्मश्री गजानन माने, प्रख्यात वैज्ञानिक पदमश्री डॉ. रामाकृष्णा होसुर, वैज्ञानिक डॉ. सुशील चंद्रा एवं विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार ज्योति राणा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। स्पार्क विंग के दिल्ली जोन की संयोजिका सरोज दीदी ने अपने स्वागत वक्तव्य से सभी का स्वागत किया। कार्यक्रम में मुंबई, कल्याण से बीके सिमरन ने झूम-झूम हर कली गीत पर नृत्य के द्वारा सबका स्वागत किया। बंगलुरु से आई बीके छाया ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में 400 से भी अधिक लोगों ने शिरकत की।