कहते है आंख हैं तो जहॉंन है। लेकिन यदि आंख ही ना हो तो फिर ज़िन्दगी कैसी होगी इसका आंकलन करना मुश्किल है। परन्तु यहॉं बिना ऑंख के ही दुनिया की हर जंग जितने वाले कुछ लोग दुनिया के लिए नज़ीर है। ऐसा ही कुछ नज़ारा दिखा ब्रह्माकुमारीज संस्था के मनमोहिनीवन स्थित ग्लोबल ऑडोटियरम में जब दृष्टि बाधितों के लिए आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में देशभर से पहुंचे तीन सौ से ज़्यादा प्रतिभागियों ने अपने जीवन के विभिन्न रंग बिखेरे। व्यवसाय से लेकर हर क्षेत्र में अपना परचम फहराने वालों ने जब अपनी हिम्मत को बया किया तो हर किसी की आंखें नम हो गई।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के ग्लोबल आडिटोरियम में दृष्टिबाधितों के लिए रिकार्डिंग समूह ने राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में दृष्टि बाधित विद्यार्थी से लेकर नौकरशाह, आईटीयन, बिज़नसमैन शामिल हुए। जब दृष्टि बाधितों ने अपनी कार्यशैली से अपने-अपने क्षेत्र में हुई सफलता की कहानी बतायी, तो हर एक आश्चर्य चकित हो गया। इस सम्मेलन का उदघाटन ब्रह्माकुमारीज संस्था के सोशल एक्टिविटी ग्रुप के अध्यक्ष बीके भरत, रिकार्डिंग ग्रुप के कोआर्डिनेटर संदीप, विपुल, कानपुर की क्षेत्रीय संचालिका बीके विद्या, संस्थान के पी.आर.ओ बीके कोमल तथा दिव्यांग सेवा के राष्ट्रीय संयोजक बीके सूर्यमणि ने किया।
इस मौके पर पूर्व आई.ए.एस अधिकारी तथा नीति आयोग के पूर्व संयुक्त सचिव आर. धर्मराजन तथा जयपुर से आए डीलर टेक्नोवेशन के सी.ई.ओ प्रतीक अग्रवाल ने अपने जीवन के किस्से सुनाए।
तीन दिनों तक चले इस सम्मेलन में दृष्टिबाधितों की विभिन्न समस्याओं एवं उनके समाधान पर चर्चा की गई।