माउण्ट आबू के ज्ञान सरोवर से है, जहां संस्था के राजनीतिक प्रभाग द्वारा राजनीतिज्ञों के लिए आयोजित 4 दिवसीय सम्मेलन का समापन हो गया। राजनीति में परस्पर प्रेम और निःस्वार्थ नेतृत्व के लिए कई विषयों पर मंथन के साथ आध्यात्मिक चेतना को बढ़ाने पर भी मंथन हुआ। चार दिनों तक चले सम्मेलन राजयोग ध्यान से लेकर राजनीति में आने वाली समस्याओं के समाधान पर व्यापक विचार विमर्श किया गया।
ज्ञान सरोवर में अध्यात्म और राजनीति के समावेश के लिए आयोजित राजनीतिज्ञों के सम्मेलन का उदघाटन असम के पूर्व मुख्यमंत्री तथा ए.जी.पी अध्यक्ष प्रफुल्ल महंत, काठमांडू नेपाल से आई डॉ. शोभाकर प्राजौली, सफाई कर्मचारी राष्ट्रीय आयोग अध्यक्ष मनहर विजय जाला और प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीके बृजमोहन समेत कई विशेष वक्ताओं द्वारा किया गया था। इस सम्मेलन में 6 खुले सत्रों समेत राजयोग ध्यान सत्र, उदघाटन के साथ समापन सत्र का भी आयेजन किया गया, जिसके मुख्य केन्द्र विन्दु में अध्यात्म था जहॉं से हर समस्या के समाधान के रास्ते तलाशे गए। प्रातः काल आयोजित ध्यान योग सत्रों में राजनीतिज्ञों की उपस्थिति निश्चित तौर पर आने वाले समय में एक अच्छी राजनीति का नमूना पेश करेगी ऐसा विश्वास जताया गया।
विकट समय के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर आयोजित इस सम्मेलन के दौरान प्रफुल्ल महंत समेत कई मेहमानों ने खुलकर अपनी बात रखी तथा उसके समाधान के लिए ब्रह्माकुमारीज संस्थान से जुड़े रहने का आह्वान किया।
वहीं सम्मेलन के समापन अवसर पर प्रतिकूल परिस्थितियों में आध्यात्मिक शक्ति का सहारा, कर्मक्षेत्र में सफलता के सूत्र, जनहित की भावनाओं पर खरा उतरने के लिए राजयोग का अभ्यास, सामाजिक सौहार्द बनाए रखने में राजनीतिज्ञों की भूमिकों समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। इस मौके पर नेपाल सांसद डॉ. राणा बहादुर रावल, दिल्ली विधायक पंकज पुष्कर, हिमाचल प्रदेश जोगेंद्रनगर के विधायक प्रेम प्रकाश राणा, आसाम के पूर्व सांसद डॉ. जयश्री गोस्वामी महंत तथा गुवाहाटी से आए पूर्व मंत्री जगदीश भूमियान समेत प्रभाग के वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे।