राजयोगिनी दादी जानकी के कोलकाता प्रवास के दौरान.. बांगुर में दादी जी के स्वागत सत्कार में बिसवा बंगला कंवेन्शन सेन्टर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें मां दुर्गा समान बंगाल की रीति अनुसार धाक बजाकर सभागृह में आरती के साथ दादी जी का स्वागत किया गया। इस खास मौके पर वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके अस्मिता तथा बीके सीज़ा ने स्वागत गीत की प्रस्तुति दी।
अपने सरप्राइज़ विज़िट पर कोलाकाता के बांगुर पहुंची संस्था प्रमुख राजयोगिनी दादी ने सभी से मिलकर अपनी खुशी ज़ाहिर की और साकार ब्रह्मा बाबा के साथ कोलकाता में बिताए पलों का जिक्र किया, वहीं मौजूद 3500 लोगों की सभा को निहारते हुए यहां पर हुई ईश्वरीय सेवाओं को देख दादी जी का ह्दय बहुत प्रसन्न हुआ।
इस दौरान दादी जी ने स्वयं को ट्रस्टी समझ इस ईश्वरीय मार्ग में चलने की प्रेरणा देते हुए ब्रह्मा बाबा द्वारा सिखाए गए पथ पर चल विदेही अवस्था बनाने की बात कही।
बांगुर सबज़ोन से जुड़े सभी बीके मेम्बर्स के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में लौकिक और आलौकिक भूमि कोलकाता में आकर संस्थान के मुख्यालय माउण्ट आबू की कार्यक्रम प्रबंधिका बीके मुन्नी ने भी अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए शुभकामनाएं दी। वहीं दादी के अंग संग रहने वाली वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके हंसा ने परमपिता परमात्मा का शुक्रिया करते हुए बांगुर का नज़ारा देखकर ऐसा महसूस किया जैसे लंदन में पहुंच गए हो।
इस दौरान बांगुर सबज़ोन की सभी बीके बहनों ने दादी जी तथा अन्य वरिष्ठ बीके बहनों को फुलों के मुकुट पहनाए तो सेवाकेन्द्रों से जुड़े युगल भाई बहनों ने 21 फिट लम्बी कमल पुष्पों की माला पहनाकर दादी जी को सम्मान दिया। इसके बाद सतयुगी महारास भी देखने लायक थी।
कार्यक्रम में जापान एवं फ़िलीपीन्स की निदेशिका बीके रजनी, बांगुर सबज़ोन प्रभारी बीके मधु, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके पदमा समेत सभा में मौजूद मणी ग्रुप के सी.ई.ओ संजय झुनझुनवाला, पौरतुगल के काउंसलर रवि पोदार, सांसद डॉ. शांतनु सेन, अन्तर्राष्ट्रीय महिला कलाकार नृतक और अभिनेत्री ममता शंकर, पीयरलैस ग्रुप के सी.ई.ओ जयन्त रॉय, ए.सी.पी रविन्द्रनाथ समेत अन्य 200 प्रतिष्ठित अतिथियों ने दादी जी से मुलाकात की। इस दौरान बीके अस्मिता ने अपनी सुन्दर आवाज़ में दादी के लिए अपने दिल के उद्गार गीत के द्वारा व्यक्त किए।
दादी के आगमन से पहले सभागृह में पुणे से आए बीके मुकुल ने आध्यात्म के मार्ग पर प्रगति के लिए बद्दुआओं के बोझ को खत्म करने पर ज़ोर दिया, इसकी विधि बताते हुए क्षमा करना एवं क्षमा मांगने के साथ-साथ बदले की भावना को भी खत्म करने की बात कही।
इस विशाल आयोजन से पूर्व बांगूर के यूनिवल्र्ड सिटी के न्यू टाउन सेन्टर पहुंची तो नज़ारा देखने लायक था.. एक ओर जहां संस्थान के सदस्य.. कतादबद्ध होकर खड़े थे, वहीं दूसरी ओर.. पारम्परिक तरीके से शंख ध्वनी, हाथों में शिव ध्वज, आरती की थाली, फुलों की सुन्दर मालाएं पहनाकर सभी ने दादी जानकी, बीके मुन्नी तथा अन्य वरिष्ठ सदस्यों का स्वागत किया।
ताज़ा फूलों से सजी सेवाकेन्द्र की बिल्डिंग में जैसे ही दादी जी के कदम पड़े तो केन्द्र का नज़ारा ही खुशियों में तबदील हो उठा, बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी में दादी ने नए केन्द्र की प्रगति के लिए दीप जलाकर व केक काटकर सभी को अपनी शुभकामनाएं दी। वहीं बच्चों द्वारा कई प्रस्तुतियां भी दी गई।