झारखंड में रॉची के हरमू रोड सेवाकेंद्र पर संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणी जी के स्मृति दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया
जिसका शुभारंभ भारतीय स्टेट बैंक के मेनेजर गौतम कुमार कुंडू, भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीमा शर्मा, जिला जनसंपर्क अधिकारी ईशा खंडेलवाल, प्रसिद्ध समाज सेवी श्याम बजाज, रॉची विश्व विद्यालय में रहे संस्कृत के पूर्व प्रध्यापक टी. पाठक, सेवाकेंद्र प्रभारी बीके निर्मला ने दीप जलाकर किया।
इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने दादी जी को पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रंद्धाजली दी और अपनी भावनाएं व्यक्त की वहीं सेवाकेंद्र प्रभारी बीके निर्मला ने दादी की विशेषताओं का वर्णन करते हुये कहा कि दादी के अंदर अचल, अडोल व निश्चलता के दिव्य गुण थे जिनके आधार पर उन्होंने चौदह बर्ष की आयु में ही ईश्वरीय मार्ग पर चलने का निर्णण लिया।
अंत में सभी लोगों को राजयोग का अभ्यास कराया गया एवं बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों द्वारा सभी का मनोरंजन किया।
जब इस संसार में पापाचार व भ्रष्टाचार बढा है तब–तब कुछ ऐसी आत्माओं ने भी जन्म लिया है जो मनुष्य मात्र को अपने मूल स्वरूप में स्थित कराने व सत्कर्मों के मार्ग पर पुनः वापिस लाने के निमित्त बनीं उन्हीं में से एक हैं राजयोगिनी दादी प्रकाशमणी जिन्होंने बाल्यकाल से ही ईश्वरीय सेवा के मार्ग पर कदम रखा और ईश्वरीय ज्ञान का 133 देशों में प्रचार प्रसार कर लाखो लोगों के जीवन में अदभुत परिवर्तन करने के निमित्त बनीं उनके महान कार्य को देखते हुए 1987 में यूनीसेफ द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शांति दूत पुरूस्कार से नवाजा गया दादी जी ने अपने जीवनकाल में इतने पुण्य कर्मो के बीज बोयें जो आज भी फलीभूत हो रहे हैं