अधिक इच्छाए रखना एवं भौतिक संसार की वस्तुओं के पीछे दौड़ लगाना मानव को आंतरिक सुख एवं शांति से कोसों दूर ले जाता है और यही फिर इन्हीं कारणों से जीवन में तनावयुक्त बन जाता है, ऐसे में अध्यात्मिक ज्ञान ही है, जिसके द्वारा मानव तनाव से मुक्त रह सकता है। इन्हीं कुछ उदेश्यों की पूर्ति के लिये कोलकाता के जियोलॉजिकल सर्वे रीक्रिएशन क्लब में सकारात्मक चिंतन से तनाव प्रबंधन विषय पर कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें एडीजी आर.धर्मेश, डीडीजी जी गोनाडे, सेंट्रल विजीलेंस के डायरेक्टर तपन कुमार जाना समेत शहर के कई प्रतिष्ठित लोग उपस्थित थे।
कार्यशाला में आंमत्रित आशुतोष मुखर्जी रोड सेवाकेंद्र की राजयोग शिक्षिका बीके चंद्रा ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि सकारात्मक दृष्ट्रिकोण रखने से हम अपनी आंतरिक उर्जा को व्यर्थ जानें से बचा सकते हैं एवं मन की शांति का अनुभव कर सकते हैं। साथ ही बीके सिंगधा ने परमात्मा पिता का सत्य परिचय दिया एवं राजयोग का महत्व बताते हुये इसका अभ्यास कराया।