काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार तो पांच मुख्य विकार हैं ही परन्तु साथ ही आलस्य व अलबेलेपन को छठवें व सातवें विकार के रूप में बताया गया है रावण दस विकारों का व कुंभकरण आलस्य का प्रतीक है विजयादशमी का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए यह उक्त बाते टिकरापारा सेवाकेंद्र प्रभारी बीके मंजू ने कही बिलासपुर में टिकरापारा सेवाकेन्द्र के ज्ञानगंगा हॉल में चौतन्य देवी सजाई गई वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन दर्शन को ही प्राथमिकता दी गई।