हम अक्सर देखते है की नवरात्री के पवन पर्व पर देवियों की मनमोहक झांकी सजाई जाती है, झांकी का अर्थ केवल देखना नहीं बल्कि अपने अंदर झांक कर देखना है कि कोई विषय विकार, कमजोरियां तो नहीं है? अगर है तो उन अवगुण को आतंरिक शक्तियों के माध्यम से दूर करने का संकल्प लेना ही सही माइनों में नवरात्री मनाना है। छत्तीसगढ़ के रायपुर में सजी चौतन्य देवियों की झांकी लगाने का यही उद्देश रहा की आतंरिक शक्तियों को उगाकर किया जाये। अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका बीके कमला, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके सविता तो वही मुख्य अतिथि के तौर पर पं. रविशंकर शुक्ल वि.वि. के कुलपति डॉ. केसरीलाल वर्मा द्वारा दीप जलाकर झांकी का उद्घाटन किया गया।