आदी काल से ही अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और किसी को प्रेरित करने का सबसे सशक्त माध्यम रहा है कला. लेकिन समय के चलते आज समाजिक मान्यताओं में काफी कुरीतियां आ गयी है जिसकी झलक आज कला के क्षेत्र में भी देखने को मिलती है अगर हमें समाज की कुरितीयों को दूर कर एक स्वर्णिम संसार की रचना करनी है तो उसमें कला एक अहम् भूमिका निभा सकती है इसी को ध्यान में रखते हुए ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का कला एवं संस्कृति प्रभाग लगातार स्वर्णिम संस्कृति को बड़ावा देने के लिए लोगों को प्रेरित करता रहता है इसी के चलते छत्तीसगढ़ के रायपुर में सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसका शुभारंभ रायपुर की क्षेत्रिय निदेशिका बीके कमला, कला एवं संस्कृति प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीके दयाल, बीके सतीश, मुम्बई की क्षेत्रिय संयोजिका बीके नीहा, करनाल सेक्टर-7 की प्रभारी बीके प्रेम ने दीप जलाकर किया।
शुभारंभ के पश्चात् बीके दयाल व बीके नीहा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कलाकर समाज के लिए रोल मॉडल होते हैं, उनका लोग अनुसरण करते हैं, उनमें इतनी ताकत होती है कि वो समाज को एक सकारात्मक दिशा देने का कार्य कर सकते हैं।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों ने वक्ताओं का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया।