पूरे विश्व में प्लास्टिक का उपयोग बहुत बढ़ चुका है और हर साल पूरे विश्व में इतना प्लास्टिक फेंका जाता है कि इससे पूरी पृथ्वी के चार घेरे बन जाएं, और इस प्लास्टिक को पूरी तरह से खत्म होने में 500 से 1000 साल तक लग जाते हैं और एकबार ही इसका प्रयोग करने के बाद लोग इसे फेंक देते हैं, जिससे भूमि, नदी और महासागर में प्रदूषण इतनी तेजी से बढ़ रहा है जिसका परिणाम बहुत ही घातक है इस संकट से निपटने के लिए यूएन ने ‘बीट द प्लास्टिक’ थीम दी है जिसके अंतगर्त मध्यप्रदेश के जबलपुर में सम्मेलन हुआ इस सम्मेलन का शुभारंभ तक्षशिला ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस के डायरेक्टर डॉ. के.सी. जैन, इंस्टीट्यूशन ऑफ़ इंजीनियर्स के चेयरमेन वी.के. साहू, कंटगा कॉलोनी सेवाकेंद्र प्रभारी बीके विमला ने किया
इंस्टीट्यूशन ऑफ़ इंजीनियर्स में आयोजित इस सम्मेलन में डॉ. के.सी जैन ने प्रजेंटेशन के माध्यम से लोगो को समझाने का प्रयास किया कि प्रकृति व प्रकृति में रहने वाले मानव और जीव जन्तु के लिए प्लास्टिक कितनी हानिकारक है वहीं बीके विमला ने भी कहा कि प्लास्टिक सच में बहुत घातक है और हमें इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण है मनुष्य का मानसिक प्रदूषण जिसे दूर करने में राजयोग काफी मददगार है।