इसी क्रम में ओड़िशा में दिव्यांग समानता, संरक्षण और सशक्तिकरण अभियान का शुभारम्भ कटक स्थित ‘द् शेल्टर‘ आश्रय स्पेशल स्कूल से किया गया। जहां ब्रह्माकुमारीज़ दिव्यांग सेवा के राष्ट्रीय संयोजक बीके सूर्यमणि ने मन्दबुद्धि बच्चों को मनोबल बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस दौरान इस संस्था की संचालिका सुजाता पट्टनायक ने ब्रह्माकुमारीज़ की विश्वव्यापी सेवाओं की सराहना की।
इस अवसर पर बच्चों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन दिया।
आगे झिन्किरीया के बेलेश्वर मुक बधिर विद्यालय, कटक के उतकल बालाश्रम ब्लांड, डीफ एण्ड डंब स्कूल तथा सहाय.. द् रेड क्रास स्कूल फॉर स्पेशल चिल्ड्रन स्कूल में भी कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
यहां से विंडो नहीं लगानी है…
झिन्किरीया के बेलेश्वर मूक बधिर विद्यालय में बीके सूर्यमणि ने बच्चों को बताया कि दिव्यांग बच्चे जो चाहे कर सकते हैं, साथ ही विडयो प्रेजेंटेशन के माध्यम से उनका मनोबल बढ़ाया। इस अवसर पर बीके सरला ने भी बच्चों को राजयोग की विधि बताई, वहीं स्कूल के प्रधानाचार्य सरोज चौधरी ने ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में सैकड़ों बच्चों समेत स्कूल का स्टाफ भी मुख्य रुप से मौजूद था।
इसी तरह कटक के उतकल बालाश्रम ब्लांड, डीफ एण्ड डंब स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में सरकार के एच.आर.डी विभाग की निदेशिका गीताश्री, समाज सेवी दिप्ती दास, प्राचार्य प्रदीप पाल एवं प्रसन्ना दलेई, बीके सूर्यमणि विशेष रुप से उपस्थित थे। इस अवसर पर एक बच्चे ने आध्यात्मिक गीत की प्रस्तुति देकर सभी अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम के दौरान बीके सूर्यमणि ने कहा कि दिव्यांग होना श्राप नहीं बल्कि परमात्मा का वरदान है, क्योंकि जिनकी कर्मेन्द्रियों से कोई भी विकर्म नहीं होता वो दिव्यांग है। आगे उन्होंने ये भी बताया कि दिव्यांग अपने सूक्ष्म चक्ष्यु से परमात्मा के प्यार का सहज ही अनुभव कर सकते है। इस अवसर पर मौजूद सभी अतिथियों ने भी बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।
इसी क्रम में सहाय रेडक्रास स्कूल फॉर स्पेशल चिल्ड्रन स्कूल में भी कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ, जहां बीके सूर्यमणि ने अपने वक्तव्य में बताया कि दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा यह मुहिम चलाई जा रही है।
कार्यक्रम में स्कूल की प्राचार्या शान्ति देवी, मृणाली पडी, समाज सेविका दिप्ती दास की उपस्थिति में बच्चों ने गीत व नृत्य प्रस्तुत किए।