ओड़िशा के कटक स्थित प्रभु समर्पण भवन में नो दायसेल्फ फॉर हैप्पी लिविंग विषय पर राष्ट्रीय न्यायविद सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि के रुप में आए सर्वोच्च न्यायलय के न्यायाधीश अमिताभ रॉए ने कहा कि अपने आपको जानने से आत्म-ज्ञान का बोध होगा और स्वयं का सम्पूर्ण ज्ञान होने से व्यक्ति.. कई गलतियों से अपने आपको बचा सकता है।
इस सम्मेलन का उद्घाटन सर्वोच्च न्यायलय के न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक, न्यायमूर्ति अमिताभ रॉए, उच्च न्यायलय के न्यायमूर्ति वी. ईश्वरैय्या, न्यायमूर्ति अरविन्द पच्छापुरे कर्णाटक, कटक सबज़ोन प्रभारी बीके कमलेश, दिल्ली से आई न्यायविद प्रभाग की उपाध्यक्षा बीके पुष्पा, राष्ट्रीय संयोजिका बीके रश्मि ओझा समेत अन्य कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने दीप जलाकर किया। जिसका बाद कुमारियों द्वारा स्वागत नृत्य की प्रस्तुति दी गई।
इस दौरान सम्मेलन में आए हुए अतिथियों ने अपने विचार रखें, वहीं बीके पुष्पा ने आत्मा के सत्य स्वरुप से लेकर आत्मा के कर्तव्यों का पूरा यथार्थ ज्ञान सभी को दिया। जिसके बाद बीके रश्मि ने आयोजित विषय पर अपने विचार रखे।
सम्मेलन में न्यायमूर्ति डॉ. डी.पी. चौधरी, ओड़िशा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीकांत कुमार, प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके लता, बीके अस्मिता समेत अन्य कई विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।