Chattisgarh – Tikrapara – Bilaspur

हम जब अपनी किमती वस्तु दूसरों को नहीं दे सकते, तो फिर बच्चों को सम्भालने के लिए दूसरों के हाथों में कैसे दे देते हैं और धन कमाने के लिए दिनभर बच्चों से दूर रहते हैं।माता पिता का समय मिलना, उनका सानिध्य मिलना बच्चों के लिए सबसे बड़ा उपहार है।अभिभावकों व बच्चों के ‘अनमोल रिश्ते’ को संवारने के लिए छत्तीसगढ़ में बिलासपुर के नार्थ ईस्ट रेल्वे इंस्टीटियूट में आयोजित बाल संस्कार शिविर का समापन समारोह मनाया गया।

समारोह में टिकरापारा सेवाकेंद्र प्रभारी बीके मंजू ने बताया कि जो व्यक्ति मोहब्त के साथ कठिन परिश्रम करता है वो सफलता के उच्चतम शिखर को प्राप्त करता है।

अंत में बच्चों ने बहुत सुंदर डांस की प्रस्तुति दी।

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